मुक्टक

 


राट दिन दुख एक कर्के महिन हुर्कैले परहैले बाबा।

मजा नाई मजा छुट्याई सेक्ना लायक बनैले बाबा।

गोझु खाली रलेसे फे माँगल चीज कबु नाई नि कले।

अपन दुख भुलाके हमेशा मोर खुशीमे रमैले बाबा। 

जानकी - ५ अमौरी,कैलाली

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